
देहरादून: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने की प्रक्रिया तेज़ हो गई है। शासन ने नियमावली के मसौदे में आंशिक संशोधन करने के बाद इसे परीक्षण के लिए न्याय व विधि विभाग को भेज दिया है। माना जा रहा है कि सरकार 20 जनवरी को इसे मंजूरी देने के लिए कैबिनेट बैठक आयोजित कर सकती है। हालांकि, नगर निकाय चुनाव की आचार संहिता के कारण कैबिनेट बैठक के लिए सरकार को राज्य चुनाव आयोग से विशेष अनुमति लेनी होगी।
महिलाओं के अधिकारों की दिशा में क्रांतिकारी कदम
यूसीसी कमेटी की सदस्य प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल ने बताया कि अगर न्याय व विधि विभाग मसौदे में संरचना, फॉर्मेट या किसी भी तरह के रिपिटेशन की पहचान करता है, तो इसे अंतिम बार संशोधित किया जाएगा। उन्होंने इसे महिलाओं के लिए क्रांतिकारी कदम बताया। डंगवाल के अनुसार, “समान नागरिक संहिता महिलाओं को उनके अधिकार दिलाने के साथ-साथ व्यक्तिगत मामलों में भी सहायक होगी।”

राजनीतिक और कानूनी संतुलन पर ध्यान
यूसीसी लागू करने का यह प्रयास राज्य में महिलाओं के सशक्तिकरण और सामाजिक सुधार की दिशा में अहम माना जा रहा है। इसके लिए सरकार और संबंधित विभाग सभी कानूनी और प्रशासनिक प्रक्रियाओं को पारदर्शी और प्रभावी बनाने पर जोर दे रहे हैं।
राज्य में समान नागरिक संहिता के लागू होने से महिलाओं के अधिकारों और व्यक्तिगत स्वतंत्रता को नई दिशा मिलने की उम्मीद की जा रही है।