देहरादून, 2 मार्च 2025: मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने माणा में हिमस्खलन के कारण लापता 4 श्रमिकों की तलाश के लिए युद्धस्तर पर खोज और बचाव अभियान संचालित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने इस अभियान के तहत सभी संबंधित विभागों को आधुनिक उपकरणों और विशेषज्ञ दलों का उपयोग करने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री ने रविवार को यूएसडीएमए स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचकर रेस्क्यू अभियान की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने बताया कि मौसम विभाग द्वारा 3 मार्च से मौसम के फिर से खराब होने की चेतावनी दी गई है, ऐसे में लापता श्रमिकों की तलाश को रविवार तक हर हाल में पूरा किया जाए।
मुख्यमंत्री धामी ने 46 सुरक्षित रेस्क्यू किए गए श्रमिकों के इलाज की समुचित व्यवस्था करने के साथ-साथ उनके सभी आवश्यकताओं का ध्यान रखने के निर्देश दिए। इसके साथ ही, उन्होंने मृतक श्रमिकों के शवों को शीघ्र उनके घर भेजने के लिए पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू करने को कहा और सभी प्रभावित परिवारों को आपदा प्रबंधन विभाग के प्रावधानों के अनुसार मुआवजा देने की बात कही।
इस अभियान में 200 से अधिक लोग विभिन्न विभागों की सहायता से रेस्क्यू कार्य में जुटे हैं, जिसमें आपदा प्रबंधन सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीआरओ, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, वायुसेना, यूकाडा और अग्निशमन विभाग शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमस्खलन के दौरान सुरक्षा को लेकर सलाह जारी की गई है और जिन श्रमिकों को उच्च हिमालयी क्षेत्रों में कार्य करने का खतरा हो सकता है, उन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है। साथ ही, राज्य के पांच ब्लॉक में विद्युत व्यवस्था बहाल कर दी गई है।
46 श्रमिक ज्योतिर्मठ लाए गए
माणा से कुल 50 श्रमिकों को रेस्क्यू किया गया था, जिनमें से 46 सुरक्षित हैं और उन्हें ज्योतिर्मठ लाया गया है। मृतक श्रमिकों का पोस्टमार्टम कर उनके शवों को उनके घर भेजने की व्यवस्था की जा रही है।
आधुनिक उपकरणों से चल रहा है रेस्क्यू
लापता श्रमिकों की तलाश में आधुनिक उपकरणों जैसे GPR (Ground Penetrating Radar), थर्मल इमेजिंग कैमरा, विक्टिम लोकेटिंग कैमरा, एवलांच रॉड, डॉग स्क्वाड का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह अभियान राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग, एसडीआरएफ और अन्य राहत दलों द्वारा जारी है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि माणा में चल रहा रेस्क्यू अभियान अत्यंत महत्वपूर्ण है और राज्य सरकार पूरी तरह से प्रभावित परिवारों के साथ खड़ी है।