
देहरादून | 6 दिसंबर 2025
आईएमएस यूनिसन यूनिवर्सिटी ने शनिवार को अपने 9वें दीक्षांत समारोह का भव्य आयोजन किया। डीआईटी यूनिवर्सिटी के वेदांता हॉल में आयोजित इस समारोह में 549 छात्रों को डिग्रियां प्रदान की गईं, जो उनकी वर्षों की मेहनत और शैक्षणिक उत्कृष्टता का परिणाम थीं। समारोह में 5 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि और 10 मेधावी छात्रों को स्वर्ण पदक से नवाजा गया।
समारोह की मुख्य अतिथि प्रसिद्ध उद्यमी और पर्यावरणविद रेवती कामथ रहीं, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में उत्तराखंड शासन के समाज कल्याण सचिव डॉ. श्रीधर बाबू अद्दांकी (आईएएस) मौजूद रहे। कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक एकैडमिक प्रोसेशन (शोभायात्रा) से हुई।
युवाओं के हाथ में है राष्ट्र का भविष्य
मुख्य अतिथि रेवती कामथ ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि दीक्षांत समारोह केवल डिग्री लेने का दिन नहीं है, बल्कि यह याद दिलाने का अवसर है कि ज्ञान का उपयोग सतत विकास और समाज के कल्याण के लिए किया जाना चाहिए।

विशिष्ट अतिथि डॉ. श्रीधर बाबू अद्दांकी ने कहा कि राष्ट्र का भविष्य उन युवाओं के हाथों में है जो कौशल के साथ ईमानदारी और लोक सेवा के प्रति प्रतिबद्धता रखते हैं। वहीं, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) अनिल सुब्बाराव पायला ने अपने संबोधन में कहा कि विश्वविद्यालय का उद्देश्य छात्रों को न केवल पेशेवर बनाना है, बल्कि राष्ट्र निर्माण के लिए तैयार करना है।
इन्हें मिला विशेष सम्मान
समारोह में शैक्षणिक उत्कृष्टता और अनुशासन के लिए राधिका सूरी (इंटीग्रेटेड बीबीए–एमबीए) को प्रतिष्ठित ‘फाउंडर चेयरमैन मेडल’ से सम्मानित किया गया। वहीं, ऑलराउंड परफॉरमेंस के लिए वेदांशी ओली (बीए- मीडिया एंड कम्युनिकेशन डिजाइन) को ‘प्रेसिडेंट मेडल’ प्रदान किया गया।
इन 10 मेधावियों को मिले स्वर्ण पदक
विभिन्न पाठ्यक्रमों में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले निम्नलिखित छात्रों को गोल्ड मेडल दिए गए:
ज्योति (एमबीए)
सृजन बंसिल (एलएलएम)
समीक्षा जैन (बीबीए.एलएलबी)
कर्मा कुंसांग (बीएचएम)
राधिका सूरी (इंटीग्रेटेड बीबीए–एमबीए)
अनुष्का गुप्ता (बीए.एलएलबी)
वेदांशी ओली (बीए–मीडिया एंड कम्युनिकेशन डिजाइन)
किरण (बीए–ऑनर्स)
कनिष्का अग्रवाल (बीबीए)
स्तुति गुप्ता (बी.कॉम–ऑनर्स)
समारोह में प्रबंधन, विधि, होटल मैनेजमेंट और मीडिया जैसे विभिन्न संकायों के छात्रों को डिग्रियां प्रदान की गईं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसे शिक्षा, नैतिकता और नवाचार को बढ़ावा देने की दिशा में एक और सफल कदम बताया।


