जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में शुक्रवार देर रात दो छात्र गुटों में हिंसक झड़प हो गई। यह टकराव कथित तौर पर विश्वविद्यालय की चुनाव समिति के सदस्यों के चयन से संबंधित असहमति के कारण हुआ।

झड़प में शामिल समूहों की पहचान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और वामपंथी गुटों के रूप में की गई है। खबरों के अनुसार, इस घटना में कुछ छात्र घायल भी हो गए।
विवाद की जड़:
यह स्पष्ट नहीं है कि चुनाव समिति के सदस्यों के चयन प्रक्रिया को लेकर क्या विवाद हुआ, लेकिन इसने दोनों छात्र गुटों के बीच तनाव पैदा कर दिया। स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई और हिंसा भड़क उठी।
पुलिस कार्रवाई:
पुलिस ने दोनों पक्षों की शिकायतों को दर्ज कर लिया है और मामले की जांच कर रही है। यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि गिरफ्तारियां हुई हैं या नहीं।
प्रशासन की प्रतिक्रिया:
जेएनयू प्रशासन ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और परिसर में शांति बनाए रखने की अपील की है। प्रशासन ने यह भी कहा है कि हिंसा में शामिल छात्रों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
चिंता का विषय:
जेएनयू परिसर में छात्रों के बीच हिंसा का यह कोई पहला मामला नहीं है। अतीत में भी इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं। यह घटना शैक्षणिक संस्थानों में छात्र राजनीति के बढ़ते प्रभाव की ओर भी इशारा करती है।
आगे क्या?
पुलिस जांच के पूरा होने के बाद ही इस घटना के पूरे दायरे का पता चल पाएगा। यह भी देखा जाना बाकी है कि जेएनयू प्रशासन इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाता है।