भारत ने आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। स्वदेश निर्मित टैंक इंजन का मैसूर स्थित आयुध निर्माणी फैक्टरी (Ordnance Factory) में पहली बार सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। यह इंजन भारत के भविष्य के युद्ध वाहनों को शक्ति प्रदान करेगा, जिससे देश की रक्षा क्षमता में वृद्धि होगी।

परीक्षण की सफलता रक्षा क्षेत्र में भारत की निरंतर प्रगति को दर्शाती है। अब तक, भारत अपने युद्ध टैंकों के लिए विदेशी इंजनों पर निर्भर था। इस सफल परीक्षण के साथ, भारत टैंक इंजनों के आयात को कम कर सकेगा और रक्षा उपकरणों के मामले में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ सकेगा।
यह नया इंजन हल्का, अधिक शक्तिशाली और ईंधन-कुशल होने की उम्मीद है। इससे युद्ध के मैदान में टैंकों की गतिशीलता और कार्यक्षमता बढ़ेगी।
रक्षा मंत्री ने इस उपलब्धि की सराहना करते हुए कहा कि यह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह परीक्षण भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।
इस सफल परीक्षण से भारत के रक्षा वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की क्षमता का पता चलता है। यह भारत की सैन्य शक्ति को मजबूत करेगा और देश की सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा