एक आधिकारिक बयान के अनुसार, भारत ने मालदीव से अपने सैनिकों को पूरी तरह से वापस ले लिया है। यह कदम द्विपक्षीय वार्ताओं के बाद उठाया गया है, जिसमें मालदीव सरकार ने अपने देश में तैनात भारतीय सैनिकों की वापसी का अनुरोध किया था।

हाल ही में, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत से अपने देश से सैनिकों को वापस बुलाने का औपचारिक अनुरोध किया था। यह कदम दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तनाव के बीच आया था। माना जाता है कि राष्ट्रपति मुइज्जू चीन के साथ संबंध मजबूत करना चाहते हैं।
हालांकि, भारत और मालदीव के बीच हुई वार्ताओं के बाद एक समझौते पर पहुंचा गया। भारत ने चरणबद्ध तरीके से अपने सैनिकों को वापस लेने पर सहमति जताई। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मई 2024 के मध्य तक वापसी पूरी हो गई है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि भारत मालदीव को सुरक्षा सहायता प्रदान करता रहा है। भारतीय सैनिक मालदीव के हवाई अड्डों के रखरखाव और संचालन में सहायता करते थे। यह कदम मालदीव की सुरक्षा स्थिति को कैसे प्रभावित करेगा, यह देखना अभी बाकी है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि भारत के सैनिकों की वापसी से चीन को हिंद महासागर क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाने का मौका मिल सकता है।
वहीं, कुछ अन्य का कहना है कि भारत और मालदीव के बीच संबंध मजबूत बने रहेंगे और भारत मालदीव को सुरक्षा सहायता प्रदान करना जारी रखेगा, भले ही सैनिकों की तैनाती न हो।