देहरादून: उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक श्री अभिनव कुमार ने धार्मिक जुलूसों और प्रदर्शनों के दौरान आम जनता को होने वाली असुविधा को देखते हुए राज्य के सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों का उद्देश्य आम जनता की सुविधा सुनिश्चित करना और सार्वजनिक शांति व्यवस्था बनाए रखना है।

पुलिस महानिदेशक ने सभी जिलाधिकारियों से समन्वय कर निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान देने को कहा है:
- अस्पतालों और शिक्षण संस्थानों पर असर: किसी भी आयोजन से अस्पतालों और शिक्षण संस्थानों के सामान्य कामकाज में बाधा नहीं पहुंचनी चाहिए।
- मरीजों और छात्र-छात्राओं की सुविधा: आयोजनों के दौरान मरीजों और छात्र-छात्राओं को आने-जाने में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होनी चाहिए।
- समय सीमा: सभी आयोजनों के लिए समय सीमा निर्धारित की जाए और निर्धारित समय के बाद भी जमावड़ा बना रहने पर उसे गैर-कानूनी घोषित किया जाए।
- आम जनता पर प्रभाव: आयोजनों की अनुमति देने से पहले यह सुनिश्चित किया जाए कि इससे आम जनता के दैनिक जीवन में कोई बाधा न आए।
- मार्ग निर्धारण: जुलूसों और प्रदर्शनों के मार्ग का निर्धारण करते समय उपरोक्त सभी बिंदुओं को ध्यान में रखा जाए।
- राजकीय कार्य दिवस: आम तौर पर राजकीय कार्य दिवसों में आयोजनों की अनुमति न दी जाए।
- राजकीय अवकाश: आयोजनों की अनुमति अधिक से अधिक राजकीय अवकाशों के दौरान दी जाए।
- धरना स्थल: धरने और प्रदर्शन के लिए निर्धारित धरना स्थलों का ही उपयोग किया जाए।
यह निर्देश क्यों जारी किए गए?
यह निर्देश आम जनता की सुविधा और शांति व्यवस्था को बनाए रखने के लिए जारी किए गए हैं। अक्सर धार्मिक जुलूसों और प्रदर्शनों के दौरान यातायात बाधित होता है, लोगों को आने-जाने में दिक्कत होती है और कई बार हिंसा की स्थिति भी पैदा हो जाती है। इन निर्देशों के माध्यम से सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि ऐसे आयोजन बिना किसी अवरोध के आयोजित हों और आम जनता का जीवन प्रभावित न हो।