राज्य में जन समस्याओं के समाधान की दिशा में मुख्यमंत्री ने सीएम हेल्पलाइन 1905 की समीक्षा की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि वे समय पर शिकायतों का निवारण करें और जिन अधिकारियों के स्तर पर अधिक शिकायतें लंबित हैं, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकारी विभागों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कार्मिकों की सेवानिवृत्ति के बाद उनके सभी देयकों का भुगतान एक महीने के अंदर हो जाए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से यह भी कहा कि सरकार जनता की है और उनकी समस्याओं का समाधान करना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने विशेष रूप से राजस्व विभाग, वन विभाग और शिक्षा विभाग में जन शिकायतों के समाधान में हो रही देरी पर नाराजगी व्यक्त की और इन विभागों के अधिकारियों से स्पष्टीकरण लेने की बात कही। मुख्यमंत्री ने यह निर्देश भी दिया कि सभी जिलाधिकारियों को राजस्व विभाग से संबंधित मामलों की नियमित मॉनिटरिंग करनी चाहिए, ताकि लंबित मामलों की संख्या कम हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा, “जिन क्षेत्रों में अधिक शिकायतें प्राप्त हो रही हैं, वहां के कारणों का पता लगाने के बाद उचित समाधान के लिए आगे की योजना बनाई जाए।” इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि समस्याओं का समाधान यदि किसी विभाग के स्तर पर हो सकता है तो उसे वहीं निपटाया जाए, और उच्च स्तर पर शिकायत जाने की स्थिति में संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए।
मुख्यमंत्री ने सीएम हेल्पलाइन में त्वरित शिकायत निस्तारण करने वाले अधिकारियों को सम्मानित करने की बात भी कही। पेयजल से संबंधित शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने इसके समाधान के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए। साथ ही आगामी ग्रीष्मकाल में प्रदेश में पेयजल की निरंतर और सुचारू आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित करने का आदेश भी दिया।
मुख्यमंत्री ने 180 दिन से अधिक समय से लंबित मामलों के निस्तारण के लिए एक विशेष अभियान चलाने की योजना बनाई है, जिससे सभी लंबित प्रकरणों का समाधान जल्द से जल्द किया जा सके।