देहरादून: आज कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय, राजपुर रोड, देहरादून में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने संयुक्त रूप से पत्रकार वार्ता को संबोधित किया। इस प्रेस वार्ता में दोनों नेताओं ने विधानसभा के बजट सत्र के दौरान विधानसभा अध्यक्ष और संसदीय कार्य मंत्री के व्यवहार पर तीखी प्रतिक्रिया दी और भाजपा नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
यशपाल आर्य ने क्या कहा?
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि बजट सत्र के दौरान तत्कालीन संसदीय कार्य मंत्री द्वारा असंसदीय भाषा का प्रयोग संसदीय इतिहास में अप्रत्याशित है। उन्होंने कहा कि विधानसभा की संरक्षक विधानसभा अध्यक्ष होती हैं और विपक्ष उनसे संरक्षण की उम्मीद करता है। लेकिन जब मंत्री ने असंसदीय भाषा का प्रयोग किया, तो विधानसभा अध्यक्ष को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए थी और उस बयान को रिकॉर्ड से बाहर निकालने के आदेश देने चाहिए थे।
आर्य ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने मंत्री के दुर्व्यवहार पर कोई हस्तक्षेप नहीं किया और चुपचाप जनता का अपमान सहन किया। इसके अलावा, सदन में उपस्थित नेता सदन ने भी कोई हस्तक्षेप नहीं किया, जो गंभीर सवाल खड़ा करता है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस विधायक लखपत बुटोला ने शालीनता से अपनी प्रतिक्रिया दी, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने उनका अपमान किया।
उन्होंने कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट द्वारा आंदोलनकारी जनमानस के लिए “सड़क छाप” शब्द का प्रयोग किया गया, जिसे भाजपा को स्पष्ट करना चाहिए। आर्य ने यह भी कहा कि जिस तरह से कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को पद से हटाया गया, उसी तरह विधानसभा अध्यक्ष और महेंद्र भट्ट के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए।
गोविंद सिंह कुंजवाल ने क्या कहा?
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष का पद संवैधानिक है और उन्हें राजनीति से ऊपर उठकर कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की विधानसभा अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी के सदस्यता अभियान में शामिल होती हैं, जो उनके पद की गरिमा के खिलाफ है। कुंजवाल ने बताया कि विधानसभा अध्यक्ष ने बजट सत्र के दौरान संसदीय कार्य मंत्री को संसदीय भाषा के प्रयोग पर नहीं टोका, जो संसदीय इतिहास में कभी नहीं हुआ।
कुंजवाल ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष का दुर्व्यवहार राज्य की जनता ने स्वीकार नहीं किया, और सोशल मीडिया पर और सड़कों पर विरोध दर्ज कराया। उन्होंने भाजपा और प्रदेश सरकार से इस घटना को गंभीरता से लेने की अपील की। कुंजवाल ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा राज्य को पहाड़ और मैदान में बांटना चाहती है, और इसलिए भाजपा नेतृत्व ने मंत्री और अध्यक्ष के दुर्व्यवहार पर मौन साध रखा है।
कांग्रेस पार्टी का रुख
दोनों नेताओं ने यह स्पष्ट किया कि कांग्रेस पार्टी भाजपा के विभाजनकारी मंसूबों को सफल नहीं होने देगी और राज्य की जनता का अपमान करने वालों के खिलाफ संघर्ष करती रहेगी।
पत्रकार वार्ता के दौरान प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट भी उपस्थित रहे।