उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने 4 मार्च, 2024 को एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए उत्तराखंड लोक एवं निजी संपत्ति क्षतिपूर्ति अध्यादेश को मंजूरी दी है। यह कानून उन उपद्रवियों से सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की लागत वसूलने के लिए बनाया गया है जो हिंसक प्रदर्शनों में शामिल होते हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस कानून को मंजूरी देने के बाद कहा कि यह उन लोगों को कड़ी सजा देगा जो राज्य में शांति व्यवस्था बिगाड़ने का प्रयास करते हैं। उन्होंने कहा कि यह कानून राज्य की संपत्ति की रक्षा करने और नागरिकों के जीवन को सुरक्षित बनाने में मदद करेगा।
यह कानून क्या है?
यह कानून उन लोगों को दंडित करता है जो सार्वजनिक या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं, चाहे वह हिंसक प्रदर्शन, दंगा, या बंद के दौरान हो। इस कानून के तहत, उपद्रवियों को नुकसान की लागत का भुगतान करने के लिए मजबूर किया जाएगा।
यह कानून क्यों महत्वपूर्ण है?
यह कानून महत्वपूर्ण है क्योंकि यह राज्य की संपत्ति की रक्षा करने और नागरिकों के जीवन को सुरक्षित बनाने में मदद करेगा। यह उपद्रवियों को कड़ी सजा देगा और उन्हें भविष्य में ऐसी घटनाओं को करने से रोकने में मदद करेगा।
इस कानून के कुछ मुख्य बिंदु:
- यह कानून उन लोगों को दंडित करता है जो सार्वजनिक या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं, चाहे वह हिंसक प्रदर्शन, दंगा, या बंद के दौरान हो।
- उपद्रवियों को नुकसान की लागत का भुगतान करने के लिए मजबूर किया जाएगा।
- राज्य सरकार नुकसान का आकलन करने के लिए एक अनुमान समिति का गठन करेगी।
- उपद्रवियों को जेल की सजा भी हो सकती है।
यह कानून कब लागू होगा?
यह कानून अभी अध्यादेश के रूप में लागू है। इसे राज्य विधानसभा से मंजूरी मिलने के बाद स्थायी कानून बनाया जाएगा।
निष्कर्ष:
यह कानून एक महत्वपूर्ण कदम है जो राज्य की संपत्ति की रक्षा करने और नागरिकों के जीवन को सुरक्षित बनाने में मदद करेगा। यह उपद्रवियों को कड़ी सजा देगा और उन्हें भविष्य में ऐसी घटनाओं को करने से रोकने में मदद करेगा।