झारखंड पुलिस की कार्यप्रणाली एक बार फिर सवालों के घेरे में है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस विभाग ने यह सनसनीखेज दावा किया है कि उनके द्वारा जब्त की गई 19 किलो ड्रग्स गायब हो गई है, और इसे चूहों ने खा लिया है.

यह घटना राज्य की पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करती है. जब्त किए गए सामान को सुरक्षित रखना पुलिस की एक प्राथमिक जिम्मेदारी है, विशेषकर ऐसे मामलों में जहां ड्रग्स जैसे違禁品 (wei jin pin – illegal goods) शामिल हों.
पुलिस का यह दावा कई कारणों से संदेहास्पद है.
- पहली बात, इतनी बड़ी मात्रा में ड्रग्स को चूहों द्वारा खाए जाने की संभावना बहुत कम है.
- दूसरी बात, ड्रग्स को आमतौर पर सीलबंद पैकेटों में रखा जाता है जिन्हें चूहों के लिए खोलना मुश्किल होता है.
- तीसरी बात, अगर ड्रग्स को किसी भी तरह से चूहों द्वारा क्षतिग्रस्त कर दिया गया होता, तो भी पुलिस के पास इस बात का कोई सबूत होना चाहिए था.
इस घटना से यह आशंका भी जन्म लेती है कि कहीं ड्रग्स को गायब करने की साजिश तो नहीं की गई. जब्त किए गए सामान की तस्करी या दुरुपयोग को रोकने के लिए पुलिस को सख्त प्रोटोकॉल का पालन करना होता है.
यह मामला झारखंड पुलिस की कार्यप्रणाली की जांच की मांग करता है. मामले की पूरी तरह से जांच होनी चाहिए और जो भी इसमें शामिल पाया जाए, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. साथ ही, भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए.