युवा सनसनी प्रिट्ठी शॉ ने डोपिंग प्रतिबंध की बेड़ियां तोड़कर घरेलू क्रिकेट में आगमन की घोषणा कर दी है! विजय हजारे ट्रॉफी के मुकाबले में आंधी बनकर बल्लेबाजी करते हुए उन्होंने विस्फोटक शतक जड़ा और एक नया कीर्तिमान भी अपने नाम कर लिया। आइए नजर डालते हैं उनकी धमाकेदार वापसी पर:
असम के छक्के छुड़ाए, रिकॉर्ड बुक में दर्ज हो गया नाम!
31 जनवरी को मुंबई और असम के बीच हुए मुकाबले में ओपनिंग करने उतरे शॉ ने आतिशी पारी खेली। मात्र 82 गेंदों में उन्होंने 120 रनों का पहाड़ खड़ा कर दिया! उनकी विस्फोटक पारी में 9 चौके और 4 छक्के शामिल रहे। इस शतक के साथ ही शॉ विजय हजारे ट्रॉफी के इतिहास में सबसे तेज शतक लगाने वाले दूसरे बल्लेबाज़ बन गए हैं। उनसे पहले यह रिकॉर्ड विराट कोहली के नाम था, जिन्होंने 72 गेंदों में शतक जड़ा था।
डोपिंग का दाग धोकर चमके “युवा शेर”!
प्रिट्ठी शॉ की शानदार वापसी ने उनके प्रशंसकों और पूरे क्रिकेट जगत को रोमांचित कर दिया है। आठ महीने के डोपिंग प्रतिबंध के दौरान कड़ी मेहनत और फिटनेस पर ध्यान देने का नतीजा अब उन्हें मिल रहा है। उनकी यह वापसी इस बात का प्रमाण है कि प्रतिभा क्षणभंगुर नहीं होती और इच्छाशक्ति से कोई भी बाधा पार की जा सकती है।
राष्ट्रीय टीम का सपना बाकी, मेहनत जारी!
हालांकि, शॉ की राह अभी आसान नहीं है। राष्ट्रीय टीम में वापसी के लिए उन्हें लगातार अच्छा प्रदर्शन करना होगा और अपनी फॉर्म को बरकरार रखना होगा। लेकिन विजय हजारे में उनके प्रदर्शन ने साबित कर दिया है कि “युवा शेर” वापसी के लिए पूरी तरह तैयार है। क्रिकेट प्रेमी उम्मीद कर रहे हैं कि वह आने वाले समय में भी इसी तरह का शानदार प्रदर्शन जारी रखेंगे और जल्द ही राष्ट्रीय टीम की नीली जर्सी पहनकर जलवे बिखेरेंगे।
कुछ रोचक तथ्य:
- प्रिट्ठी शॉ ने 2018 में टेस्ट डेब्यू करते हुए ही शतक लगाकर इतिहास रचा था।
- डोपिंग प्रतिबंध के चलते वह 2019 विश्व कप में नहीं खेल पाए थे।
आपको प्रिट्ठी शॉ की शानदार वापसी कैसी लगी? क्या उन्हें राष्ट्रीय टीम में जल्द वापसी देखना चाहेंगे? अपनी राय हमें कमेंट में जरूर बताएं।