भारत ने एक महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक बड़ी छलांग लगाई है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने आज देश की पहली हाइपरसॉनिक वाहन परियोजना, “विमान” को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। इस वाहन को रामायण के पुष्पक विमान के नाम पर रखा गया है, जो हिंदू महाकाव्य में उल्लेखित एक दिव्य रथ था।

विमान एक पुन: प्रयोज्य वाहन है जिसे पृथ्वी के वायुमंडल में और बाहर यात्रा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह हवा में बहुत तेजी से यात्रा करने में सक्षम होगा, जो पारंपरिक विमानों की तुलना में यात्रा के समय को काफी कम कर देगा। इसरो का लक्ष्य इस तकनीक का उपयोग करके अंतरिक्ष यात्रा को अधिक किफायती और सुलभ बनाना है।
विमान के सफल प्रक्षेपण को भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है। यह देश को हाइपरसॉनिक तकनीक के क्षेत्र में अग्रणी देशों में शामिल होने में मदद करेगा। इसरो के अध्यक्ष डॉ. एस. सोमनाथ ने कहा, “विमान का सफल प्रक्षेपण भारत के लिए एक गौरव का क्षण है। यह हमारे वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की कड़ी मेहनत का नतीजा है।”
विमान के विकास से जुड़े कई फायदे हैं। यह न केवल अंतरिक्ष यात्रा को तेज और सस्ता बनाएगा, बल्कि यह दूरसंचार और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में भी क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है। भविष्य में, विमान का उपयोग अंतरिक्ष स्टेशनों और अन्य अंतरिक्ष यानों तक तेजी से पहुंचने के लिए भी किया जा सकता है।
भारत के इस महत्वाकांक्षी हाइपरसॉनिक वाहन कार्यक्रम की सफलता देश के लिए एक गर्व का विषय है। यह आने वाले दशकों में अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में भारत की भूमिका को मजबूत करेगा।